संभावित बारिश घनीभूत और हवा हो सकती है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने ज्यादातर तूफानों की भविष्यवाणी की है। विभिन्न मॉडलों ने सुझाव दिया है कि कम प्रभाव वाली छोटी हवाओं के मामले में ऐसा हो सकता है। हालांकि, राज्य में भारी बारिश की संभावना है। तूफान न होने पर भी ओडिशा में भारी बारिश के आसार हैं। बारिश की संभावना से किसान धान की फसल को लेकर चिंतित हैं
मौसम विज्ञानी डॉ. सुरेंद्रनाथ पशुपालक के अनुसार, थाई महासागर में निम्न दबाव का क्षेत्र 27 तारीख को दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में उतरने की उम्मीद है। यह धीरे-धीरे संघनित होगा और वर्षा में बदल जाएगा। GFS7 मॉडल के मुताबिक, 2 दिसंबर तक इसके फिर से तेज होने की उम्मीद है।
हवा चलेगी तो वह 'जवाद' कहलाएगी। इस साल मानसून की वापसी के बाद यह पहला तूफान होगा। इस समय हवा का दबाव 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। 30 तारीख तक तस्वीर साफ हो जाएगी।
डॉ. पशुपालक ने कहा, "शुरुआती अनुमानों के मुताबिक, यह आंध्र प्रदेश के तट का सामना करेगा।" हालांकि, उत्तरी आंध्र तट या उससे सटे दक्षिणी ओडिशा तट का सामना करने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। पिछले दो दिनों में मॉडल अनुमान बदल गए हैं। शुरू में यह अनुमान लगाया गया था कि यह विपरीत दिशा में आगे बढ़ेगा और विपरीत दिशा में बांग्लादेश और फिर ओडिशा की ओर बढ़ेगा। अब मॉडल का अनुमान है कि इसका सामना दक्षिणी आंध्र तट से होगा। अब से गणना करना आसान नहीं है
अगर यह आंध्र के तट को भी छूता है, तो भी राज्य पर इसका असर पड़ने की संभावना है। दोपहर तीन बजे से बदलेगा मौसम आठ तारीख तक दो दिन बारिश होगी। राज्य भर में ज्यादातर बादल छाए रहेंगे। दक्षिण ओडिशा के तटीय और आसपास के जिलों में बारिश होगी। कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। एक-दो जगहों पर 100 एमएम से ज्यादा बारिश होने की संभावना है